कितना आसान सा है इन्सान बन जाना,
बेवजह क्यों चाहते हो भगवान बन जाना ll
बस थोड़ा ढालना है खुद में इंसानियत के गुण
फिर तुम स्वतः देखना कैसे इंसान हो जाना ll
फिर खिलने लगेंगे पुष्प तुम्हारे मन के आँगन में,
चहकने लगेगी चिड़िया तुम्हारे मन के आँगन में l
दिखेगी तितलियाँ भौंरे अठखेलियाँ करते,
महकती शाम मिल जायेगी तुम्हारे मन के आँगन ll
मदद करना हमेशा तुम ,
सहज रहना,
सहज करना हमेशा तुम l
अहम की भीड़ में,
तुम भूल जाना हर अहम की बात l
कोशिश करना, हमेशा जीना
औरों की खातिर तुम ll
रहना मान से,और करना सम्मान तुम सबका l
चमन में देखना कौन पुष्प महका नहीं महका l
जरा सा हाथ तुम थाम लेना हर गिरे कोई,
देखना
अंबर में कौन तारा अभी तक नहीं चमका ll
दिखे पथ में कोई काँटा, चुभे तुमको या ना फिर भी
दिखे अवरोध पत्थर सा, किसी की राह में फिर भी,
दिखे रिश्तों दिलों में फाँस तुम बस कोशिश नई करना,
सजा देना लबों पर गीत, सभी को मुस्कुरा देना ll
बन कर मंद बयार तुम बस यूं ही बहते जाना ,
इतना मुश्किल नहीं है इन्सान हो जाना l
बस एक कोशिश करो की मैं मैं से निकल
किसी भी तरह हम हो जाना ll
कितना आसान सा है इन्सान बन जाना,
बेवजह क्यों चाहते हो भगवान बन जाना ll