आप साँसों में हो ज़िंदगी की तरह
आपसे ही है कायम ये सारा जहां
आप फूलों में हो ताजगी की तरह
जिस घड़ी आपसे सामना हो मेरा
हर घड़ी ही रहे उस घड़ी की तरह
मैं लिपट जाऊँ केवट सा चरणों में प्रभु
आप अपनाइये राम जी की तरह
लोगों की चाह हो मुझसा बन जाने की
मैं नहीं बनना चाहूँ किसी की तरह
एक आशीष दें आपकी शान में
बस मैं बजता रहूँ बाँसुरी की तरह
आप तो हो बसे राज की रूह में
इक ग़ज़ल की तरह शायरी की तरह
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