बस जाओ ज़रा

मेरी सांसों में तुम,बस जाओ ज़रा

जिंदगी ये मेरी महक जाएगी।

रात ख्वाबों में,आया करो रोज़ तुम

शान से मेरी रातें गुजर जाएंगी।

चंद पल ही सही,आ भी जाओ ज़रा।

ख्वाब में हम हैं, हमको जगाओ ज़रा।।

तुमको पाके जिंदगी संवर जाएगी…….

वक़्त ने आज फिर,है सताया मुझे

तेरी आहट से फिर है उल्फत मुझे।

तुमको देखेंगी आंखें तो मुकम्मल हो जाएंगी…..

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रचनाकार

Author

  • रंजीत गुप्ता "राही"

    रंजीत गुप्ता "राही" कवि, शायर,ज्ञानार्थी, शिक्षक। प्रतापगढ़,उत्तर प्रदेश। फोन-9170493847 Copyright@रंजीत गुप्ता "राही"/ इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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