बसंती बयार होली लायी,
हर ओर उड़ रहे रंग-गुलाल,
मस्तानों की टोली आयी,
अमराई में लगी मंजरी,
मदिर मंद मुस्कायी,
लगे नव पल्लव बगिया बगान में,
सुंदर कलिया मुस्कायी,
रंग गुलाल के इस मौसम में,
बांसुरी ने धुन सुनाई,
तन मन सब रंग गए,
फ़िज़ा में बजने लगी शहनाई,
सरसों की पीली चादर से,
धरती भी लहराई,
जड़ चेतन में नयी शक्ति,
नयी ऊर्जा आयी,
जली होलिका किंतु प्रह्लाद पर,
कोई भी आंच ना आयी,
गयी बुराई, बची अच्छाई,
सबने मिलकर होली गायी,
पूरी-पकौड़ी का चला दौर,
पकवानों ने मिठास फैलाई,
झाल-मंजीरा पर मस्तों ने,
सरारारा धुन सुनायीं,
प्रेम और सद्भाव की सरिता,
सबको बहा ले आयी!
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