एक
अब लिखे नहीं जाते
और न भेजे ही जाते हैं प्रेम पत्र
कोई लिख भी लेता हो गुपचुप
या मन ही मन गुन लेता हो ख़त का मज़मून
मगर नहीं चाहता कोई भेजने की जहमत उठाना
पता नहीं इधर वर्षों से
बंद क्यों है दिल का डाकखाना ?
दो
कोई कुछ भी तो लिखे
प्रेम या घृणा,राग या द्वेष
या फिर वाही-तबाही ही
क्योंकि लिखने से ही कम होता है
मन का संताप
पत्र पुल बन जाते हैं
भावना रूपी नदी पर
भेजनेवाले और पानेवाले के बीच |
तीन
अपनी चोंच में दबाये
कोई खुशबू भरा प्रेम पत्र
सदियों की यात्रा पर निकला
एक खूबसूरत कबूतर
कल मर गया मोबाइल के टावर से टकराकर |
चार
अक्षर कभी नहीं होते निस्तेज प्रेम पत्रों के
हर रोज़ उच्चरित होते करोड़ों शब्दों से
अधिक विश्वसनीय है ढाई आखर
आस्था और प्रेम से ही
ब्रह्म बन जाते हैं शब्द
और निर्गुण निराकार प्रेम के देवता
अक्षरों की काया ग्रहण कर ही
होते हैं सगुण-साकार |
पांच
ज्योतित होने को तत्पर हैं हजारों अक्षर-दीप
अँधेरे में खो गया है प्रेम का पथ
वर्षों से आवारा भटक रहे हैं
चाहतों के सुनसान रास्ते,
स्नेहभरे इन अक्षर-दीपों में
ज्योति बनकर उतरो हे प्रेम देवता |
उतरो असीम आस्था की इस धरती पर
ताकि भर आँख हम निरख सकें तुम्हारे रूप को
हमारी आत्मा में उतरो,साँसों में उतरो
अपनी मोहक सुगंधि के गुंजलक में घेर लो हमें
हम मृत्युमुखी अमर होना चाहते हैं
हममें उतरो और हमें
इतिहास बना दो हे प्रेम-देवता |
रचनाकार
Author
जन्मतिथि:- 01.06.1959, जन्मस्थान:- मुजफ्फरपुर, बिहार, शिक्षा:- एम.ए.(हिन्दी), पीएच.डी., वर्तमान में कार्य:- प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, एम.पी.एस.साइंस कॉलेज, बी.आर.ए.बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर । वर्तमान पता- जनकपुरी लेन नं. 1, श्याम नंदन सहाय कॉलेज के पास, पोस्ट -आर.के.आश्रम,भाया-रमना,बेला, मुजफ्फरपुर, बिहार 842002. रुचि साहित्य की विभिन्न विधाओं में लेखन और प्रकाशन, उपलब्धियां:- देश भर की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं में कविताएँ और समीक्षाएँ प्रकाशित, आकाशवाणी और दूरदर्शन की साहित्यिक परिचर्चाओं में सहभागिता । दूरदर्शन के शताधिक वृत्तचित्रों में स्क्रिप्ट लेखन और पार्श्व स्वर, प्रकाशित पुस्तकें - 1.प्रश्नवाचक होने से पहले (कविता पुस्तक) प्रकाशन संस्थान, दिल्ली 1991 2.हिन्दी नाटकों में रंग निर्देश 3.लोकगीतों में पर्यावरण चिंतन 4.भारतीय लोकनाट्य : परम्परा एवं प्रयोग । Copyright@डॉ. शेखर शंकर मिश्र/इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |