कोई लीला करो शंभू
बड़ा घनघोर संकट है
धरा पे आप ही शंकर
सदा उपकार करते हो
कहीं भक्ति से भक्तों का
न अब विश्वास उठ जाए
फंसी नैया तुम्हीं हे नागधारी
पार करते हो
घना छाता अंधेरा जब
दिखाई कुछ नहीं देता
तुम्हीं रवि रूप में
किरणों का नव संचार करते हो
हुआ भयभीत जन जीवन
किसी युग काल में कलि से
तुम्हीं कैलाश से आकर
बिकट संहार करते हो
बचाओ नाथ जन जीवन
बढाओ मान भक्ति का
वास काशी हिमालय तुम
तुम्हीं केदार करते हो
कहां जाऊं पडे छाले
मेरे हे नाथ पैरों में
विनय सुन लो मेरी अब
देर क्यों सरकार करते हो !! !!
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