ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है| भारत का कोई नागरिक जो आठवीं अनुसूची में दर्ज 22 भाषाओँ में से किसी भाषा में लिखता हो यह पुरस्कार प्राप्त कर सकता है| पुरस्कार में 11 लाख रूपये ,प्रशस्ति -पत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है | 1965 में 1 लाख रूपये से प्रारम्भ होकर 2005 में 7 लाख होकर वर्तमान में 11 लाख हो चूका है | प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार 1965 में मलयालम लेखक जी शंकर कुरूप को तथा हिंदी के लिए प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार सुमित्रानंदन पन्त की चिदंबरा के लिए प्रदान किया गया | 1982 तक यह लेखक की एकल कृति के लिए दिया जाता था | लेकित इसके बाद भारतीय साहित्य में सम्पूर्ण योगदान के लिए दिया जाने लगा | हिन्दी साहित्य के लिए पुरस्कृत रचनाएँ व रचनाकारों की सूची:-
वर्ष | लेखक | रचना | भाषा |
1968 | सुमित्रानंदन पंत | चिदंबरा | हिंदी |
1972 | रामधारी सिंह दिनकर | उर्वशी | हिंदी |
1978 | अज्ञेय | कितनी नावों में कितनी बार | हिंदी |
1982 | महादेवी वर्मा | यामा | हिंदी |
1992 | नरेश मेहता | सम्पूर्ण साहित्य | हिंदी |
2005 | कुंवर नारायण | सम्पूर्ण साहित्य | हिंदी |
2009 | अमरकांत व श्रीलाल शुक्ल | सम्पूर्ण साहित्य | हिंदी |
2013 | केदारनाथ सिंह | सम्पूर्ण साहित्य | हिंदी |
2017 | कृष्णा सोबती | सम्पूर्ण साहित्य | हिंदी |
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