अरे वाह!
तुम तो बहुत समझदार हो गये
चार किताबे क्या पढ ली
मुस्कुराना फैशन बना लिया
पूछता हूं क्या हुआ बेटा
सब कुछ ठीक ही बताते हो
भूल जाते हो बाप हूं तुम्हारा
जो बीत रहा तुम पर मैंने पहले ही गुजारा
बन कर करके दोस्त
दोस्त की तरह रहा करो
जो हुआ करे समस्या
बेफिक्र कहा करो
कोई नहीं समस्या
ऐसा मुझे बताते हो
बंद कमरे में जोरो से रो जाते हो
आता है दोस्त खटकाता है दरवाजा
अपने आसूंओ को ऐसे छिपाते हो
उसके सामने अच्छे से मुस्कुराते हो
समझाते हो उसे दुनियाभर की बात
सुनो !
तुम यूहीं मुस्कुराया करो
समस्याओं को मुझे बताया करो
बहुत दिन हो जाता है तुमको बिना देखे
बेटा जल्द-से-जल्द घर आया करो
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