नव वर्ष मंगलमय हो
नव वर्ष में अति हर्ष हो आनन्दवृष्टिअपार हो।
मेरे हृदय में आपका अनवरत साक्षात्कार हो।।
नव वर्ष ०
उपवन सुगंधित हो सदा अवनी पर हरियाली रहे,
मन से कलुष तम दूर हो अमृत भरी प्याली रहे,
वसुधा ही अपना कुटुम्ब है मनस् से यह उद्गार हो।।
नव वर्ष ०
प्रियतम सहज सानिध्य अविरल कर माला हो कसी कसी,
पावन प्रणय पद सुखद् सिहरन अंतसों तक धँसी धँसी,
द्युलोक से अच्छी धरा है ऐसा सद्व्यवहार हो।।
नव वर्ष ०
जननी जनक पूजित रहें स्वतनय से सेवित रहें,
अग्रज अनुज सन्मार्ग पथ अनुयायी अनुशासित रहें,
हर घर में तनया सुपूजिता कुछ इस तरह संसार हो।।
नव वर्ष ०
गुरु ज्ञान की सरिता बहायें शिष्य ज्ञान पिपासु हों,
सब लक्ष्य भेदित हो सकें सब लोग सद्जिज्ञासु हों,
सत्य ही शिव है सुंदर है कर्म का आधार हो।।
नव वर्ष ०
नदियाँ सदा वाहिनी रहें और प्रकृति अनुकूलित रहे,
खग निडर स्वर्णिम नीड़ में पर खोल के मुकुलित रहे,
उर ज्ञानमुक्ता प्रभास शेष सुदीपवत संस्कार हो।।
नव वर्ष ०