नगर
हो उद्धार शहर का मेरे
आप बनाए सवेरे
अब तो कुछ प्रण करो
शहर को मेरे स्वर्ग करो
नालियों में है कूड़ा करकट
मच्छर भी हुए हैं प्रगट
अब तो इनका उद्धार करो
शहर का मेरे श्रृंगार करो
दो दिन उठा डोरो से कचरा
अब तो कचरा डोरे डाल रहा
मेरा तो मेरा
पड़ोसी भी बेहाल रहा
जाम से मिले निजात
जिंदगी या हो आवत-जात
रहे यहां खुशहाल सभी
सबको मिले दाल-भात
रहे स्वस्थ हमारा समाज
शिक्षा का हो समुचित विकास
आए समता मानव में
ना हो भेदो की बात
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