तेरे हर एक लहजे से मुखातिब फूल हैं
सदा ही चूमते अशआर तेरे फूल है
कभी ना तोड़ना खिलते हुए इस फूल को
सदा मुस्कान भरते ये दिलों के फूल है
भले उमड़ा दिलों में आज चाहत का समंदर
सवरते उनके बालों में लगा ना फूल है
मिलेगी ताजगी तुझको सदा ही सुरमई
सुबह देखा करो उठकर चमन के फूल है
बड़े नाजुक है संभालो तुम इन्हे हर दम
भरी है दिलकशी जिसमें वही ये फूल हैं
ये सारे चांद तारे तोड़ कर कदमों में रख दूंगा
तुम्ही कहते थे जिनसे ये वही तो फूल है
हमेशा आसमां के चांद से भी ज्यादा प्यारा था
जो महकाया तेरा जीवन वही ये फूल है
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