दर्द मुझको यहां मिला है बहुत।
जिंदगी ही तो इक सजा है बहुत।
दिल लगाने की ज़िद करे न कोई,
घाव मेरा अभी हरा है बहुत।
सच कहूं तो मेरा ख़ुदा है बहुत।
दुश्मनी में हमें मिला क्या क्या,
दिल यही आज़ सोचता है बहुत।
कब हुआ था मुझे पता ही नहीं,
इश्क़ से मेरा दिल भरा है बहुत।
हाशिए पर मैं आ चुका था पर,
वो मिले जो मुझे दवा है बहुत।
मैं ‘अकेला’ ही रह गया लेकिन,
प्यार उनसे हमें मिला है बहुत।
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