तुम्हारी नज़रों के सामने

तुम्हारी नज़रों के सामने,

सब बदल रहा था l

पर तुम शांत थी ll

जैसे कोई,

तालाब में पत्थर फेंक,

किनारे खड़ा,

देखता रहता है लहरों को l

जैसे कोई,

पहाड़ की ढलान पर,

हाथ छोड़ ,

देखता रहता हो ,

लुढ़कते हुए कदमों को ll

बदलाव तो अचानक नहीं होता है न,

पर बदलाव की शुरुवात अचानक होती है ll

बदलाव की रफ़्तार कभी तेज़ कभी धीमी

और अगर न लग सके ब्रेक,

तो तोड़ कर सभी दीवारों को,

अन्त में बदलाव की प्रक्रिया पूर्ण होती है ll

बदलाव हमेशा सकारात्मक नहीं होता,

लेकिन सकारात्मक बदलाव की रफ़्तार तेज़ होती है l

क्योंकि उसमें होती है शिद्दत,

और सकारात्मक उर्जा l

और नकारात्मक बदलाव हमेशा

घर्षण युक्त होते हैं,

कई ऊर्जाएं रोकती हैं l

कई जिम्मेदारियां टोकती हैं ll

और परिणाम भी तो,

दोनों का अलग अलग होता है l

सब कुछ तो पता था तुमको,

पर तुमने मुझे ,

मेरी नकारात्मकता के साथ बदलने दिया l

कभी कर्ता बनकर, कभी कर्म बनकर

तो कभी क्रिया तो कभी प्रतिक्रिया बनकर l

तुमने बदलाव की प्रक्रिया को ,

मुक्कमल होने दिया ll

अब मैं तटस्थ हो चुका हूँ,

अब मैं “अधूरा सम्पूर्ण” हो चुका हूँ ll

सारी ख्वाहिशों के बांध टूट चुके हैं ,

इस बदलाव की प्रक्रिया में

हम भी हैं अब टूट चुके हैं ll

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रचनाकार

Author

  • आलोक सिंह "गुमशुदा"

    शिक्षा- M.Tech. (गोल्ड मेडलिस्ट) नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कुरुक्षेत्र, हरियाणा l संप्रति-आकाशवाणी रायबरेली (उ.प्र.) में अभियांत्रिकी सहायक के पद पर कार्यरत l साहित्यिक गतिविधियाँ- कई कवितायें व कहानियाँ विभिन्न पत्र पत्रिकाओं कैसे मशाल , रेलनामा , काव्य दर्पण , साहित्यिक अर्पण ,फुलवारी ,नारी प्रकाशन , अर्णव प्रकाशन इत्यादि में प्रकाशित l कई ऑनलाइन प्लेटफार्म पर एकल और साझा काव्यपाठ l आकाशवाणी और दूरदर्शन से भी लाइव काव्यपाठ l सम्मान- नराकास शिमला द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत व सम्मानित l अर्णव प्रकाशन से "काव्य श्री अर्णव सम्मान" से सम्मानित l विशेष- "साहित्यिक हस्ताक्षर" चैनल के नाम से यूट्यूब चैनल , जिसमें स्वरचित कविताएँ, और विभिन्न रचनाकारों की रचनाओं पर आधारित "कलम के सिपाही" जैसे कार्यक्रम और साहित्यिक पुस्तकों की समीक्षा प्रस्तुत की जाती है l पत्राचार का पता- आलोक सिंह C- 20 दूरदर्शन कॉलोनी विराजखण्ड लखनऊ, उत्तर प्रदेश Copyright@आलोक सिंह "गुमशुदा"/ इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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