ना हम होंगे ना तुम होगे नहीं कोई गिला होगा
सिमटती याद का ही बस यहां पर सिलसिला होगा
चलो हंस कर बिता ले जिंदगी को जो बची अब तक
न जाने कौन सा पल जिंदगी का आखरी होगा
तो आओ मिलके जीवन में खुशियां ही बिखेरे हम
भरे सब में खुशी हरदम खुशी में डूब जाएं हम
नहीं फिर ये जमी होगी न फिर ये आसमां होगा
गगन में इन सितारों का नहीं कोई निशा होगा
परिस्थित जो तेरी है आज फिर वह कल नहीं होगी
समय है आज कर लो तुम नहीं फिर देर ही होगी
अगर इच्छा प्रबल होगी तो चंचल मन तेरा होगा
बुनोगे मन में ही सपने हकीकत हो ना पाएगा
भरोसा आज पर कर लो कभी ना कल पे तुम करना
नहीं आता कभी है कल खुशी में आज ही रहना
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