आज तो होली खेले बगैर जाने नहीं देंगे इतना कह कर करीब करीब 15 लड़कों का झुंड उन 5 लड़कियों के ग्रुप को घेर कर खड़ा हो गया ..!
वो लड़कियां रंगों से भीगी इतने लड़कों से खुद को घिरा देख थर थर कांप रही थीं !
अब चलते हैं थोड़ा पीछे ,
अरे सीमा तू होली खेलने आयेगी ना रीना चहकते हुये बोली
नहीं यार मैं नहीं आ पाऊंगी आज स्कूल में खेल लिया मां अकेली होली वाले दिन बाहर निकलने नहीं देगी!
अरे देखो ना हम सब होंगे तो मजा आयेगा ना ..रीना वें कहा तो उसके साथ आन्या ,अविका,साध्या,कविता ये सब भी बोलने लगी
लेकिन सीमा तैयार नहीं हुई ये पांचों सहेलियां एक ही कालोनी में रहती थीं लेकिन सीमा का घर कालोनी के बाहर काफी दूर पर था
सीमा के ना बोलते ही सब उदास हो गये लेकिन वो जानती थीं कि सीमा सही कह रही है
ऐसे ही सब घर लौट आये
अगले दिन होली की सुबह ..
रीना ,अविका,आन्या, साध्या,व कविता इन लोगों नें खूब होली खेली लेकिन सीमा का ख्याल आते ही उदास हो गईं
तभी कविता बोली सीमा अकेली है वो नहीं आ सकती लेकिन हम तो पांच हैं हम वहां जा सकते हैं !
साध्या बोली नहीं मां को पता चलेगा तो बहुत गुस्सा होंगी
लेकिन दोस्ती कुछ ऐसी होती है कि अपने दोस्त को उदास नहीं देख सकते
आन्या बोली अरे बताने की जरूरत क्या है
होली का दिन है चुपके से चले जायेंगे किसी को पता नहीं चलेगा
अविका बोली नहीं यार बगैर बताये जाना ठीक नहीं होगा,
काफी देर सोचने के बाद आखिर में जाने का निश्चय कर लिया
पांचों चुपके से कालोनी के गेट के बाहर निकल कर सीमा के घर की तरफ चल दीं
जैसे ही सीमा के घर पहुंची सीमा तो उनको देखते ही खुशी से चिल्लाने लगी
सबने मिलकर खूब होली खेली गुजिया पकवान खाये और वापस लौटने लगीं ,
बीच रास्ते में नशे में धुत्त लड़कों का ग्रुप खड़ा था उन लोगों नें उन लड़कियों को देखा तो घेर कर खड़े हो गये
उन सबकी हंसी बहुत भयानक लग रही थी
आज का दिन …….
अब पांचों लड़कियों की आंखों से आंसू गिरने लगे ऐसा होगा उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था
तभी रीना बोली जाने दो हमें तुम्हें पता नहीं है मेरे पापा पुलिस में हैं
तो बुला लो हम भी तो देखें उन्हें ..उनमें से एक लड़का बड़ी बेशर्मी से बोला
फिर सारे हंसने लगे
बुलाती कैसे पानी में मोबाइल खराब हो जायेगा इसलिये सबने अपना मोबाइल घर पर ही छोड़ दिया था …चिल्लाने का भी कोई फायदा नहीं था हर तरफ इतना शोर था कि किसी को सुना़ई नहीं देता और होली का दिन होने की वजह से सड़क भी एकदम सुनसान थी .
तभी अविका ने आंख से इशारा किया और सबकी आंखों में चमक आ गई
पांचों लड़कियां पीछे हटने लगीं पीछे एक नया मकान बन रहा था लड़के अपनी भयानक हंसी हंसते जा रहे थे अचानक ही उन पांचों नें उन सबके ऊपर रेत फेंकना शुरू कर दिया
आंखों में रेत जाते ही सारे लड़के हड़बड़ा गये और आंखें मसलने लगे फिर लड़कियों नें ईंटों से मारना शुरू किया काफी देर के बाद वो सारे घायल हो गये आंखों में रेत जाने से उन्हें कुछ दिख नहीं रहा था
मौका पाकर पांचों लड़कियों नें दौड़ लगा दी इतनी तेज दौड़ी कि आज मैराथन होता तो पहला प्राइज ही मिलता
घर पहुंच कर ही दम लिया
“जान बची तो लाखों पाये लौट कर बुद्धू घर को आये ” आज यह कहावत सही प्रतीत हो रही थी
मम्मियों नं जब ऐसे हांफते दौड़ते देखा तो परेशान हो गई
पूछने पर पहले तो किसी नें कुछ नहीं बताया पर सख्ती होते देख सारी कहानी बताई सारी मायें अनहोनी को सोच कर ही घबड़ा गईं और अपने अपने बच्चों को गले से लगा लिया
थोड़ी देर बाद ही उन पांचों की चिल्लाने के बाद भागने की आवाजें आने लगी क्योंकि मम्मियां अपने शस्त्र लेकर अपने असली अवतार में आ चुकी थीं
क्योंकि बच्चों को प्यार के साथ साथ सख्ती भी जरूरी है..!