जल ही जिंदगी है

जल नही,कल की जिंदगी है
बचा लो जितनी उतनी ही जिंदगी है ।
बूंद –बूंद तरसना पड़ेगा
एक दिन पानी के खातिर
कल सुहावन रहे बस
यही तो जिंदगी है ।

देख लो भीषण गर्मी में
कैसे लोग प्यास से तड़पते है ?
जल की मूल्य न मानने वाले
एक दिन प्यासे ही मरते है ।

इसलिए जल को बचा कर रखो
क्युकी जल ही जिंदगी है।

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रचनाकार

Author

  • नवेंदु कुमार वर्मा

    जिला गया( बिहार) 824205. Copyright@नवेंदु कुमार वर्मा/इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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