जब तक दूध दिहिन भर लोटा

जब तक दूध दिहिन भर लोटा

तब गइया रहीं हमार

साल पूर भा बिचुख गईं जब

राति गईं नदिया वहि पार

यनहूं हांकैं उनहूं हांकै

निबरू हांकैं ठंडा मार

छत्तीस कोटी देव रक्षिका

दियखौ केतना भईं लचार !

आखिर कब तक भूंख दबावैं

बिन खाए कसकै रहि पावैं

अतना जाड़ मुला वै गइयां

बइठ सिवानेम् आंसु चुवावैं

मनई तुमका सौ धिक्कार

स्वारथ सिद्ध तौ अम्मा भार

कथा भागवत दिन भर पूजा

कौने लाने जय जयकार

छत्तीस कोटी देव………..

लेरुवन का जब कूकूर नोचैं

आंखि आंसु भर गइया सोचैं

घर होते तौ घंटी बाजत

उठैं सींग कुकुरेन् का कोचैं

रूंधा खेत कंटीला तार

कइसै नाघैं पीठ सम्हार

खूनी पीठ लिहा वै लउटैं

जइसै देखि लियैं रखवार

छत्तीस कोटी देव…….

जेहकै महिमा बेद बखानैं

जेहकै गुन कुलि अम्मा जानैं

उनकै देखौ कवन दसा है

मनई मनई अंगुरी तानैं

बनि बनि बइठे लम्बरदार

रोजै हल्ला रोज गोहार

अपनै पगहा खोलि खदेरैं

झंखयि सुनत नाय सरकार

छत्तीस कोटी देव रक्षिका

केतना आज भईं लाचार !!

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रचनाकार

Author

  • संजय श्रीवास्तव अवधी

    प्रसिद्ध नाम-संजय अवधी, पिता-दिनेश चन्द्र श्रीवास्तव, लेखन विधा- गीत और कविता, प्रथम काव्य प्रस्तुति- ऑल इंडिया रेडियो, गीतकार के रूप में उपलब्धि- विश्व स्तरीय म्यूजिक कंपनी टी सीरीज के लिए गीत लेखन, प्रारंभिक लेखन- श्री महेश्वरी सेवक मासिक पत्रिका, प्रतिष्ठित समाचार-पत्रदैनिक जागरण से. विशेष उपलब्धि- रजत जयंती सम्मान अवध भारती सम्मान तथा अवधी तुलसी सम्मान 2021 अवध भारती संस्थान द्वारा प्राप्त एवं अन्य संस्थानों द्वारा सम्मानित. आने वाली प्रथम अवधी पुस्तक- 'भोली चिरैया' उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा. संस्थापक- अवध सीरीज अवधी लोककला विस्तार मंच लल्लू पुरवा,इटरौर. निर्माता निर्देशक- अवध सीरीज. उद्देश्य- विलुप्त होती अवधी संस्कृति, अवधी लोककला विरासत को ग्रामीण आयोजन के माध्यम से आगे बढ़ाना. पता-लल्लू पुरवा, इटरौर, मनकापुर, गोंडा,Copyright@संजय श्रीवास्तव अवधी/ इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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