चल मनोरमे एक उम्र पूरा हुआ।।
अब दूसरे की दुआ राम से माँगने चले।
अपने मित्रों के साथ चैतावर गाने चले।
अपने- अपने बिटिया रानी,
के नयनो में,
राधा रानी के,
सपने छुपाने चले।।
मनोरमे नवरात्रि में मैया को रिझाना है,
माँ भारती के सारे लाल,
खुशहाल हो, ऐसा वरदान पाना है।
जितनी भी झाँकि याँ, दिखे, देखे – दिखाएंगे,
पर नव वर्ष त्योहार वाला अपना ही माएँगे।
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