मिलता होगा छप्पन भोग खाने को मधुर वहां
माखन चुराने यहा क्यू अब आएगे
सोने का मुकुट होगा अब तो उनके सिर पर
मोर का मुकुट सिर पे रखने क्यू आएगे
चक्र सुदर्शन होगा अब तो उनके हाथो मे ही
मुरली बजाने यहा क्यू अब आएगे
बने द्वारिका नरेश रहे नही कान्हा अब
गोपियो को दरश दिखाने क्यू आएगे
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