गणतंत्र दिवस

आज हम भारतवासी , गणतंत्र दिवस मना रहे हैं ।।
बांट रहे खुशियां मिठाईयों के संग सभी ,
झंडा फहरा कर सब ,
राष्ट्रगीत गा रहे हैं ।
आज हम भारतवासी, गणतंत्र दिवस मना रहे हैं ।।
हमें अपना संविधान मिला ,
छबीस नवंबर सन् उन्नीस सौ उनचास को ।
देश फिर गणतंत्र घोषित हुआ ,
छबीस जनवरी सन् उन्नीस सौ पचास को ।।
उसी दिन से लागू हुआ ,
देश का अपना संविधान ।
जो देश की मर्यादा है ,
और सबका है ,
आन बान ।।
देश तो आजाद वैसे ,
पन्द्रह अगस्त सन् उन्नीस सौ ,
सैंतालीस को हो गया था ।
पर तब देश को चलाने खातिर ,
अपना कोई कानून न था ।
कुछ समय तक फिरंगियों के बनाए ,
कानून से चलना मजबूरी था ।
आजादी के बाद अपना कानून और ,
संविधान बनाया जाना जरूरी था ।।
देश गणतंत्र घोषित हुआ ,
शासन में जनता की भागीदारी हुआ ,
और अब देश में लोकतंत्रिक ,
शासन कायम हुआ ।
अब कोई राजा नहीं है ,
भारतवर्ष में लोकतंत्रिक सरकार है ,
जो जनता द्वारा, जनता की और ,
जनता के लिए है ।
यही है आजादी मिलने और गणतंत्र ,
घोषित होने पर भारत में ,
लोकतंत्रिक सरकार की संवैधानिक , संरचना ।
जिसमें हम सांस ले रहे हैं ,
और खुशी मना रहे हैं , तथा
अब इसी में है बचना ।
आज हम गणतंत्र दिवस मनाते हुए ,
राष्ट्रध्वज फहरा रहे हैं , और
हम आन बान शान से कहते हैं ,
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा ,
झंडा ऊंचा रहे हमारा ।।
जय हिन्द, वन्दे मातरम्, जय भारत ।।

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रचनाकार

Author

  • जय प्रकाश कुअर

    फ्लैट नं २०५ बी, संगीता पैलेस, कैलाश इन्केव, शिवपुरी , पटना -२३.Copyright@जय प्रकाश कुअर/ इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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