खुद को सरल-स्वीकार्य बनाएं
मुश्किल भरी राह जीवन की,
आओ कुछ आसान बनाएं।
कुछ तुम सीधे, कुछ हम ढीले,
एकदूजे का सम्मान बढ़ाएं।।
बच्चों की सीटी सा निश्छल,
दे चेतावनी! इन्हें जगाएं।
अंधेरे की चादर ओढ़े,
सूरज थका पड़ा अचेतन।
चीर अंधेरा निकल पड़े वो,
स्वर्ण – किरणों पे धार लगाएं।
वह है तेरा! यह है मेरी!
तेरा – मेरी, तेरामेरी ।
विचारों की ऐंठन तज हम,
खुद को सरल-स्वीकार्य बनाएं।
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