खुद को सरल-स्वीकार्य बनाएं
मुश्किल भरी राह जीवन की, आओ कुछ आसान बनाएं। कुछ तुम सीधे, कुछ हम ढीले, एकदूजे का सम्मान बढ़ाएं।। बच्चों की सीटी सा निश्छल, दे
मुश्किल भरी राह जीवन की, आओ कुछ आसान बनाएं। कुछ तुम सीधे, कुछ हम ढीले, एकदूजे का सम्मान बढ़ाएं।। बच्चों की सीटी सा निश्छल, दे
क्या हुआ…, कुछ ख़बर नहीं ! दिल मेरा…., अब इधर नहीं ! काम तो ये तेरी निगाहों का होगा…, (क्योंकि….) बाक़ी कोई और दवा…, इधर