क्यों शर्मिंदा करते हो रोज़ हाल पूंछ कर,
हाल वही है जो तुमने मेरा बना रखा है।।
लिखना चाहता हूँ मैं भी कुछ गहरा सा,
जिसे पढ़े कोई भी,बस समझ तुम सको।।
माँ के हाथों में है जादू किस्मत संवारने का,
फिर वो हाथ चाहे सिर पर फिरे या फिर गालों पर ।।
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