करें बाँहों में बल
पैदा,सहारा है नहीं कोई,
ज़माने में कहीं
देखो,तुम्हारा है नहीं
कोई|
हुई हैवान दुनिया है,मरी
इन्सानियत सबकी,
खुद ही में डूबकर देखा
किनारा है नहीं कोई|
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