करें बाँहों में बल

करें बाँहों में बल

पैदा,सहारा है नहीं कोई,

ज़माने में कहीं

देखो,तुम्हारा है नहीं

कोई|

हुई हैवान दुनिया है,मरी

इन्सानियत सबकी,

खुद ही में डूबकर देखा

किनारा है नहीं कोई|

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रचनाकार

Author

  • बजरंगी लाल

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