ऐसे हम आजादी पाए

कतरा _कतरा रक्त बहाया,

तन मन मातृ भूमि पर वार दिया ।

धन्य धन्य आजादी के दीवाने,

ऐसे जन्मभूमि से प्यार किया ।।

मंगल पांडे ने गोरों को ललकारा,

तात्या टोपे ने जब गोरों को मारा।

फिर लक्ष्मी बाई झांसी वाली ने,

मृत्यु का तांडव करके के संघारा।।

नाना साहब बोले यूं सबसे,

हमको वतन जान से प्यारा ।

इस पर अधिकार जमाने वाले,

अब न है कोई खैर तुम्हारा ।।

अब जाग चुके है हिंदुस्तानी,

देंगे अपनी हंस कर कुर्बानी ।

सत्य कभी हार नही सकता,

देखें तुझमें कितना है पानी ।।

गोरों को फिर खूब छकाया,

आजाद उनके हाथ न आया ।

नाम आजाद था आजाद रहा वो,

कोई भी उसको पकड़ न पाया ।।

अशफाक और राजेंद्र प्रसाद ने,

वंदे मातरम् हरपल गाया

सुभाष चन्द्र ने देखो तब,

जय हिन्द का नारा लगाया ।।

सोए हुए भारत के लोगों को,

भगत सिंह ने झकझोर जगाया ।।

फिर रंग दे बसन्ती चोला गाया

मृत्यु ने जिसको शीश झुकाया ।।

गांधी जी के आवाहन पर,

सारा देश एक साथ आया ।

लोकमान्य के साथ साथ में,

सरदार पटेल ने जयकार लगाया ।।

देख एकता गोरे घबराए,

जब कहीं से भी बच न पाए ।

छोड़ना पड़ा उनको हिन्द को,

ऐसे हम आजादी को पाए ।।

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रचनाकार

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  • अनूप अंबर

    नाम : अनूप अंबर जन्म तिथि:01जनवरी 1991 पिता का नाम:राजेश कुमार पता: फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेशइनके नौ साझा संकलन प्रकाशित हो चुके हैं, पच्चीस अर्थलोगी प्रकाशित हो चुकी है, विभिन्न मंचों से 150 से अधिक सम्मान पत्र प्राप्त है, इनकी विभिन्न रचनाएं पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है,ये कई साहित्य पटलों पर सक्रिय है ।। Copyright@अनूप अंबर / इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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