मैंने कभी नहीं चाहा
कि तुम संपूर्ण जीवन समर्पित करो
सिर्फ चंद खुशियों के लिए
मैंसिर्फ तुम्हारा एक पल चाहता हूं।
उसी पल में जीना चाहता हूं
संपूर्ण जीवन
अधरों पर रखे चंद शब्द
मैं सुनना चाहता हूं
तुम्हारे बिखरे हुए
पल को बुनना चाहता हूं।
मैं चाहता हूं
न भीगे कभी लोचन तुम्हारे
अधरों से पलकों तक पलकों से नयनों तक एक पल ही सही पर रहना चाहता हूं।
मंद मंद मुस्कुराहट में
छोटी से छोटी आहट में
एक पल के लिए याद आना चाहता हूं
कृष्ण जैसे अधरों की मुस्कुराहट बन जाना चाहता हूं।
चाहता हूं बिखर जाऊँ
खुशबू की तरह चारो तरफ
फिर भी प्रेम में
एक पल के लिए बंध जाना चाहता हूं।
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