एक दिन आयेगा

एक दिन आयेगा
और हम सब चले जाएंगे।

कहां जायेंगे
पता नही ।

पर उस टाइम कोई
रोने वाला नही होगा।

पर कोने में पड़ी होंगी
कुछ कविताएं।

जो लिखी गई थी
शायद इसी दिन के लिए ।

ताकि जब कुछ न बचे
तब बच जाएं कविताओं के अवशेष।

और जब कोई बोल न पाए
और नाही सुन पाए कुछ ।

तब उस समय में भी
पढ़ी जा सके कविताएं।

और पढ़ कर के उनको
निहारा जा सके एक दूसरे को ।

क्योंकि सब कुछ तो चला जायेगा
कविताओं में लिखा प्रेम अमर है।

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रचनाकार

Author

  • रोहित यदुवंशी

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