देखकर चेहरे को उसके गजल हमने लिख दिया
डूब उसके भाव का सौंदर्य हमने लिख दिया
कान की बाली सुशोभित उसके ऊपर हो रही
उसको तो मैं आसमान का इक सितारा लिख दिया
लालिमा से युक्त लाली होठ पर जब सज गई
क्षीर सागर में गमकता कमल हमने लिख दिया
मंद सी मुस्कान उसके होंठ पर जैसे खिली
लालिमा से युक्त उसको प्रात सूरज लिख दिया
जो लटकते केस काले आज उनके गाल पर
चांद पर काली घटा का पहरा हमने लिख दिया
उनके दो चंचल नशीले नैन जो ठहरे कभी
उसको तो हमने जहां का गहरा सागर लिख दिया
जब कभी भी राह चलते दिल धड़कने ये लगा
रास्ता खुद को कहा और उसको मंजिल लिख दिया
पूछा किसी ने हाल ए दिल तो भाव में ही डूब कर
अश्क आंखों से बहाकर प्रेम उसको लिख दिया
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