उद्गार लिखता हूं

मैं कवि नहीं हूं दिल के बस उद्गार लिखता हूं,

नफरतों को दूर कर बस प्यार लिखता हूं।

भाई-बन्धु और रिश्तों में घुले है जो जहर,

दूर करने को मैं गीता सार लिखता हूं।।

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रचनाकार

Author

  • बजरंगी लाल

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