होली इन्द्रधनुष जैसी चुनना
कुछ रंग तुम उससे चुरा लेना
एक रंग तुम मेहंदी का लेना
रचा देना उन हथेलियों पर
जिसका पति अभी अभी
सरहद पर शहीद हुआ है
एक रंग तुम गुलाबी लेना
उन पैरो पर सजा देना
जो माता पिता को तीर्थ करवाने
के लिए पैदल लम्बी यात्रा की है
एक रंग तुम लाल लेना
ओढा देना चूनर उस बिटिया को
जिसने हाथ पीले करने से पहले
पिता को दहेज जुटाने की
जद्दोजहद में मरते देखा है
एक रंग तुम सिंदुरी लेना
उस सूनी मांग मे बिखरा देना
जिसका भरतार रोजी-रोटी कमाने के लिए
वतन छोड़कर परदेशी बन गया है
एक रंग तुम पीला लेना
फैला देना उन खेतों पर
जिनके बाग़बान ने असमय आयी आपदा से
मेहनत को जमींदोज होते देखा है
एक रंग तुम धूसर लेना
सजा देना उन पलकों पर
जिसने पहली परीक्षा में मात खायी है
समझाना उसको जीवन का उजला रंग
बाहें फैलाकर खड़ा है
एक रंग तुम ऐसा चुनना
जिसमें प्रीत प्रेम का रस घुला हो
जहां हो नित नये सपने और नया उजास
यह रंग तुम सबके गालो पर मल देना
होली इंद्रधनुष जैसी चुनना