शीषफूल मुक्ताजाल चूड़ामणि मांगटीका, कुमकुम बिंदी खेलड़ी सजावति शीश कामिनी।
कर्णफूल पीपलपत्रा छैलकड़ि कोकरु बाली, झेला झुमकी माकड़ी झमकावति गजगामिनी।
चूनी नासामोती ठुमकी नथ बजट्टी बुलाक, वलनी फीड़ी खीवण लटकावति जात भामिनी।
कहैं शेष कंठी हसुली चंद्रहार हेमसूत्री, तिकड़िया मंगलसूत्र चमकावति जैसे दामिनी।।
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बाजूबंद नवरत्न चुड़ली तकमा हारपान, पहुंची टड्डा भुजबंध शोभि रहा तन में।
हाथफूल पलानी किंकणी से कलाइ साजि, कड़ा चूड़ी गोखरू मणियुक्त कंगन में।
अंगूठी मुंदरी दामड़ी अउ पूचिया अरसी बीठी, हाथफूल देखि देखि खुश होइ मन में।
कहैं शेष कमरबंद कड़तौड़ी तगड़ी लरी, पंचलड़ी चम्पाकली कसी देह वन में।।
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झांझर तोड़ी हनका लच्छा आंवला मयूरी नुपूर, छागल हीरानामी घुंघुर छन छनकत हैं।
हिरणा टड़का तोड़ा बिछिया मीना सजी गोरी जब,
देखि रूप कंत मन अनन्त हरषत हैं।
आभरण आभूषण से दीप जस उजियार, मधुर व्यवहार से घर-बार गमकत हैं।
कहैं शेष मनी रूपधनिका के सौ प्रणाम,सूर्य के प्रकाश से आभूषण हरषत हैं।।