आइस पाइस गुल्ली डंडा(अवधी कविता)

आइस पाइस गुल्ली डंडा

गिट्टक अउर कब्बड्डी

बाजी जीतै बदे लगी

खुब बेरि बेरि हरबद्दी

कहां दिन चला गवा !

बगिया बगियम् चलत रही

दुपहरियम् लच्छीडारी

यहि बहाने फरत रही

खुब बगिया डारी डारी

कहां दिन चला गवा !

मेरि मेरि कै पौंरब हमका

गंवई ताल खिसाइस

मुला आज अंगिरेजी

अवधी परमपरा का खाइस

कहां दिन चला गवा !

यहि माटी जल्मी बहुतै

अदभुत कला निराली

सावन भर खुब उडत रहा

जब झलुआ डारी डारी

कहां दिन चला गवा !

आज काल्हि खुसहाली होइगै

बस रुपयक् सिरिफ भरोसे

होवत् बेगाना अम्मा बप्पा

बेटवा जिउ से पोसे

कहां दिन चला गवा !

Facebook
WhatsApp
Twitter
LinkedIn
Pinterest

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

रचनाकार

Author

  • संजय श्रीवास्तव अवधी

    प्रसिद्ध नाम-संजय अवधी, पिता-दिनेश चन्द्र श्रीवास्तव, लेखन विधा- गीत और कविता, प्रथम काव्य प्रस्तुति- ऑल इंडिया रेडियो, गीतकार के रूप में उपलब्धि- विश्व स्तरीय म्यूजिक कंपनी टी सीरीज के लिए गीत लेखन, प्रारंभिक लेखन- श्री महेश्वरी सेवक मासिक पत्रिका, प्रतिष्ठित समाचार-पत्रदैनिक जागरण से. विशेष उपलब्धि- रजत जयंती सम्मान अवध भारती सम्मान तथा अवधी तुलसी सम्मान 2021 अवध भारती संस्थान द्वारा प्राप्त एवं अन्य संस्थानों द्वारा सम्मानित. आने वाली प्रथम अवधी पुस्तक- 'भोली चिरैया' उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा. संस्थापक- अवध सीरीज अवधी लोककला विस्तार मंच लल्लू पुरवा,इटरौर. निर्माता निर्देशक- अवध सीरीज. उद्देश्य- विलुप्त होती अवधी संस्कृति, अवधी लोककला विरासत को ग्रामीण आयोजन के माध्यम से आगे बढ़ाना. पता-लल्लू पुरवा, इटरौर, मनकापुर, गोंडा,Copyright@संजय श्रीवास्तव अवधी/ इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

Total View
error: Content is protected !!