बाहर से टूट भले जाओ पर अंदर से मजबूत रहो
बल पौरूष कुछ घट जाए पर दिल इच्छा बलवान रहो
टूट गये जो अंदर से तो बचा कोई नहीं पाएगा
कितना भी सहारा बने कोई पर संभल कभी ना पाएगा
अंदर से तुम मत टूटे साहस को ही दिखलाओ
अपने जीवन की नौका को पार हमेशा कर जाओ
समय की मार से टूट गए पर दिल से गर ना टूटोगे
बिगाड़ कोई न सकता तेरा हर दम ही मजबूत रहोगे
साहस करके दिल अपना मजबूत यहां जो करते हैं
विपरीत परिस्थिति आने पर भी धैर्य यहां पर धरते हैं
धैर्य पूर्वक रहे यहां जो हरदम ओ मजबूत हुए हैं
देख के बाधा जो विचलित हो ओ हरदम कमजोर हुए हैं
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