आंखों में तुझको देखा है
मैंने आंखों में तेरे एक ख्वाब देखा है
हुस्न ए रूप में भी आफताब देखा है
जिंदगी में अगर होते तो हम सवर जाते|
जिंदगी को बिना तेरे विखरते देखा है
जब भी सोचू कि तुमसे इक सवाल कर जाऊं
हर इक सवाल को जवाब बनते देखा है
ऐसी सम्मा जो कर दे अपनी मोहब्बत रोशन
तुझ में वो जलता चराग देखा है
बहार भी कभी पतझड़ में बदल जाते हैं
तुमको गिरगिट की तरह से बदलते देखा है
मुझको तो ये जमीन आसमा नजर आए
चांद को जबसे जमी पर उतरते देखा है
हसीन चेहरा तेरी नूर भरी आंखों को
सदा पलट के मैने बार बार देखा है
कमी नहीं है तेरी बेशुमार आंखों में
मैंने हर बार ही आंखों में तुझको देखा है
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