गंउआ के खुशी खातिर
डिउहार का मनाइन
जब जब परी बिपतिया
तब तब दिया जराइन
अम्मा कै अपने जेतना
बखान करी कम है
उनहीं तौ आज तनिका
काबिल हमैं बनाइन ,
जब जब किहन गलतिया
तब तब वै हमका डांटिन
बांटिन खुशी , खुशी से
दुख आज तक न बांटिन
जाड़ा मा अपुना ठिठुरिन
अंचरा हमैं ओढाइन
उनहीं तौ आज ……….
हमरे खुशी के खातिर
न घाम छांव देख देखिन
पोहिन वै प्रेम बल भर
चूल्हा मा हाथ सेंकिन
जब जब उदास देखिन
करेज से लगाइन
उनहीं तौ आज……….
खिस्सा अउ कहानी से
संस्कार दिहिन हमका
अस प्रेम मा वै बोरि कय
ब्यउहार दिहिन हमका
अनपढ़ हयीं वै अवधी
तबहूं हमैं पढाइन
उनहीं तौ आज तनिका
काबिल हमैं बनाइन ……!!
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