हाइकु

1
सींग के दाने
पेट की आग सिंके
भीगते बेचे।

2
सूर्य सुखाता
उपले-भित्ती टँगे
गाँव की यात्रा।

3
जहाजी पक्षी
वस्त्र बदल थका
यात्रा एकाकी।

4
सूखे तालाब
टूटी पसली गिने
रश्मि ‘एक्स रे’।

5
जामुन फले
पेड़ का काला टीका
बुरी नज़रें।

6
पीली सरसों
बज़ार की नजरें
ब्याहेगी बन्नो?

7
मत्स्य उमंग
जलपरी तैरती
आग लगाती।

8
साँझ का सूर्य
बबूल काँटे फँसा
‘टोल टैक्स’ दो।

9
नंगे वृक्षों पे
लाल-हरी पत्तियाँ
लँगोट बाँधे।

10
खाप का न्याय!
गाँव नंगा हुआ है
भोर भी काले।

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रचनाकार

Author

  • रमेश कुमार सोनी

    जन्म तिथि-11.11.1966, सम्प्रति-व्याख्याता, पता-एल आई जी 24 कबीर नगर,फेज 2, रायपुर छत्तीसगढ़, पिन-492099, लेखन विधा-कविता, हाइकु, ताँका, सेदोका, कहानी, समीक्षा, आलेख। विविध राष्ट्रीय पत्र -पत्रिकाओं में कई सौ रचनाएँ प्रकाशित। प्रकाशित पुस्तकें - 1 रोली अक्षत- 2004 छत्तीसगढ़ का प्रथम हिंदी हाइकु संग्रह वैभव प्रकाशन-रायपुर 2 पेड़ बुलाते मेघ-2018 हिंदी हाइकु संग्रह सर्वप्रिय प्रकाशन-दिल्ली सर्वाधिक चर्चित एवं समीक्षित संग्रह। 3 हरियर मड़वा-2019 विश्व का प्रथम छत्तीसगढ़ी ताँका संग्रह वैभव प्रकाशन रायपुर 4 झूला झूले फुलवा-2020 विश्व का प्रथम हिंदी ताँका संग्रह इ पुस्तक अक्षरलीला प्रकाशन रायपुर किंडल अमेज़न पर 5 गुरतुर मया-2021 छत्तीसगढ़ी का सर्वाधिक चर्चित हाइकु संग्रह श्वेतांशु प्रकाशन-दिल्ली, पुरस्कार/सम्मान- राज्यपाल पुरस्कृत व्याख्याता एवं साहित्यकार, विविध क्षेत्रों में कई दर्ज़न राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के सम्मान प्राप्त |

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