लफ़्ज़ की चाशनी में घुलेगी नहीं ।
बेरुख़ी आपकी अब छुपेगी नहीं ।
पंख कतरे हैं तुमने मेरे प्यार के ।
बेपरों की ये चिड़िया उड़ेगी नहीं ।
मज़हबी मेल लाज़िम है इस मुल्क़ में ।
बात बिगड़ी अगर तो बनेगी नहीं ।
एक लड़की जो तन कर खड़ी हो गई।
सामने ज़ालिमों के झुकेगी नहीं ।
ज़िन्दगी की लकीरें मिटेंगी मगर ।
एक तस्वीर दिल से मिटेगी नहीं ।
वक़्त गुज़रेगा हम भी गुज़र जाएंगे ।
उम्र की ये नदी फिर बहेगी नहीं ।
गाँव कल फिर नये और बस जाएंगे।
दिल की बस्ती जो उजड़ी ,बसेगी नहीं ।
देखे जाने की संख्या : 101