झूमती फूलों भरी डाली लिखें
हर शजर के लिए हरियाली लिखें ।
अमरबेलों के लिए गाली लिखें ।
रू-ब-रू है मुफलिसी फिर किस तरह
गाल गोरे, जुल्फ़ घुँघराली लिखें ?
जेठ जलता, तप रहे हैं भू-गगन
सजल सावन की घटा काली लिखें ।
नागफणियों का चलन अच्छा नहीं
आइए, कचनार , शेफाली लिखें ।
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