कमबख्त दिल से हो गये लाचार एक दिन।
मैंने भी किया इश्क का इज़हार एक दिन।।
एक खूबसूरत कली मेरे दिल को भा गई थी
अपनी अदाओं से हमें पागल बना गई थी।
इतना बुरा नही हूं ये बात खल रही थी।
कुछ गुफ्तगू करने की ख्वाहिश मचल रही थी।।
कुछ ज्यादा हो गये हम बेकरार एक दिन।।
मैंने भी०
माता पिता की इज्ज़त का ख्याल हो रहा था।
पर क्या बताऊं मेरा बुरा हाल हो रहा था।
कई दिन गुजर गये थे वो नज़र नहीं आई।
दीदार न होने से मेरी चिन्ता बढ़ी भाई।
मुझे खाये जा रहा था इंतज़ार एक दिन।।
मैंने भी०
पढ़ाई में मन मेरा अब नहीं लग रहा था।
नींद भी न आती सारी रात जग रहा था।
सुमिरन देवताओं की मैं किये जा रहा था।
इश्क का दिया मेरा जिगर जला रहा था
रास्ते में मुझे मिल गई बहार एक दिन।।
मैंने भी०
मैने कहा जी बुरा न लगे तो कुछ मैं बोलूं।
दिल बहुत बेचैन है दरवाजा इसका खोलूं।
आपकी गली में मेरा चैन खो गया है।
उसने कहा भाई जी निकाह हो गया है।
सपने हुये सब शेष तार तार एक दिन।।
मैंने भी०