आइस पाइस गुल्ली डंडा
गिट्टक अउर कब्बड्डी
बाजी जीतै बदे लगी
खुब बेरि बेरि हरबद्दी
कहां दिन चला गवा !
बगिया बगियम् चलत रही
दुपहरियम् लच्छीडारी
यहि बहाने फरत रही
खुब बगिया डारी डारी
कहां दिन चला गवा !
मेरि मेरि कै पौंरब हमका
गंवई ताल खिसाइस
मुला आज अंगिरेजी
अवधी परमपरा का खाइस
कहां दिन चला गवा !
यहि माटी जल्मी बहुतै
अदभुत कला निराली
सावन भर खुब उडत रहा
जब झलुआ डारी डारी
कहां दिन चला गवा !
आज काल्हि खुसहाली होइगै
बस रुपयक् सिरिफ भरोसे
होवत् बेगाना अम्मा बप्पा
बेटवा जिउ से पोसे
कहां दिन चला गवा !
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