
तो कैसे सुधरेगे हालात
मजहब के रंग में रंगा हुआ जो पूरा देश है आजतो कैसे सुधरेगे हालातलूट के अपने देश की दौलत खुद बनते धनवानतो कैसे सुधरेंगे हालातसब्र

मजहब के रंग में रंगा हुआ जो पूरा देश है आजतो कैसे सुधरेगे हालातलूट के अपने देश की दौलत खुद बनते धनवानतो कैसे सुधरेंगे हालातसब्र

जब हिंदू मुस्लिम सदा एक है सबमे बसा ईमानपनप रहा है बीज द्वेष का कहां से हिंदुस्तानयही तो पूछ रहा हूंकहां से चलते ईट और

विस्तृत लिखना भले कठिन होकम लिखना तो बहुत कठिन हैभाव उजागर हो जाए मन काशब्द पिरोना बहुत कठिन हैभरा हो शब्दों में भाव जितनाउसे समझना

जिंदगी एक उलझा हुआ ख्वाब हैकब ओ क्या देखले कुछ पता ही नहीजो हुआ ना कभी भी दिवास्वप्न मेंरात में कैसे आया पता ही नही

निगाहे ऐसी डालो तुम कि दिल शीतल सा हो जाएभरे दिल प्रेम जीवन में सदा खुशियां बिखर जाएंरहे सब ही सुरक्षित इन निगाहों के ही

सहरिन से पुरवा बही पहुंची हमरे गांव बिसरे राम जोहार अब टोकैं लय लय नाव , सीतलता जल से गयी बानिस् गयी मिठास कुंवक् जगति

सुबह का सूर्योदय नभसे करता रहता ऐतबारओ मेरे प्रियतमतुझसे है प्रेम का इजहार । आ जा बाहों में ओकुसुम तुम्हे दरकारओ मेरे प्रियतम तुमसे हैप्रेम

उसकी आंखों में मैंने उठता वो मंजर देखाघाव दिल में बनाते आंख का खंजर देखाकरके तिरछी निगाहे ओठ पे मुस्कान लिएखिलते महलो को बनाते हुए

बसाओ दिल में हनुमान को जोश नहीं कम होंगेभरा अगर विश्वास हृदय तो साथ सदा ही होंगेसौप के देखो अपना जीवन हनुमान के चरणों मेंसदा

मेरी गजलों में तेरे गुनाहों का हिसाब होगा।दर्द मेरे जख्मों का होगा तेरा अल्फाज होगा।।तेरी बेवफाई पर कई सवाल उठेंगे ।भरी महफिल में मैं तुझे