
श्री कृष्ण जन्म
हुआ जन्म था जेल में उनका नंद बबा ने पाला थासो गए पहरेदार वहां के खुला गेट का ताला थाकाली रात अंधेरी में तो जमुना
हुआ जन्म था जेल में उनका नंद बबा ने पाला थासो गए पहरेदार वहां के खुला गेट का ताला थाकाली रात अंधेरी में तो जमुना
जगत की शान है हिंदी मेरा अभिमान है हिंदीहमारी मातृभाषा देश की पहचान है हिंदीहुआ है जन्म संस्कृत से संस्कृति की जो पोषक हैभरा जिसमें
सुत गौरी शिव शंकर शोभित रिद्धि सिद्धि साथ लिएबढ़कर मात पिता है जग में कहकर चारों ओर फिरेआज चतुर्थी जन्मदिवस की जो अनुपम बेला आईनिश
मिलाकर नैनो से नैनाकरो बातें तो हम जानेना हो ओठो पे कंपनमौन दो उत्तर तो हम जानेसमझ कर मन की पीड़ा कोबहावो प्रेम की नदियांभरा
कुछ पल तो साथ जी लो सबको अकेले जानासाथ जब भी छूटा तो फिर कहां से पाना यादों की जमी पर ही रह जाओगे सिमटकरये
जिंदगी आज कितनी सजी होगीबाद मुद्दत के जब मिली होगीदिल में उठा होगा तूफान नयाखुद संभाले नहीं सभली होगीप्यार जैसे ही उसका मिला होगाकली पुष्प
जमी पर चांद उतरेगा फलक से तारे तोडेगेबनाया झील सा बिस्तर जमाने प्यार के थे ओखूबसूरत अंकुरित था बीज दिल में जो पलाप्यार में जो
जब से मुझसे बिछड़ गए तुम याद बहुत ही आती हैदिल में उपजा भाव विरह की अग्नि हृदय को जलाती हैदर्द छुपा है दिल में
ओ लौट आए हैं मेरे दिल मेंजो कहते तुझ में वफा नहीं हैपलट के मैंने भी कह दिया अबदिलों में मेरे जगह नहीं हैबसा लिया
जिंदगी एक उलझा हुआ ख्वाब हैकब ओ क्या देखले कुछ पता ही नहीजो हुआ ना कभी भी दिवास्वप्न मेंरात में कैसे आया पता ही नही