गद्य–रचनाएँ

Category: गद्य–रचनाएँ

आत्मकथा

मेरी लेखनी का सफर

मुझे लिखने का शौख बहुत पहले से था। मैं अपनी डायरियों में अपने विचार कविताओं के रूप में लिखती थी। उन्हे कभी प्रकाशित करवाने का

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आत्मकथा

लेखिका डॉ. ऋषिका वर्मा की आत्मा कथा

डॉ ऋषिका वर्मा वर्तमान में दर्शन विभाग, हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर (गढ़वाल) उत्तराखंड में सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत हैं। ऋषिका वर्मा

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आलेख

योग की मानव जीवन में आवश्यकता

संसार में सामान्य रूप से प्रवृत्ति देखी जाती है कि प्रत्येक प्राणी सुख प्राप्त करना चाहता है एवं दुःखों से बचना चाहता है। मानव भी

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आलेख

अपना आकर्षक और सुंदर पूर्वांचल क्षेत्र

पुरुषोत्तम राम, श्री कृष्ण की जन्मभूमि एवं गंगा, यमुना, सरस्वती की बहती धारा से पवित्र हमारा उत्तर प्रदेश भारत वर्ष का जनसंख्या की दृष्टि से

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इतिहास

‘‘प्राचीन भारतीय समाज में स्त्री की अर्धगत अस्तित्व’’

परिचयः- अनादिकाल से ही पुरूषवादी समाजिक व्यवस्था में स्त्री को दोयम दर्जा प्राप्त हैं। यूँ तो प्रकृति ने स्त्री-पुरूष को समान बनाया, परंतु पुरूषों ने

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आलेख

सन्ध्या-योग

योग एक प्राचीन भारतीय विद्या है। इसका मूल स्रोत वेदों में प्राप्त होता है, यथा- योगेयोगे तवस्तरं[१], स धीनां योगमिन्वति[२] एवं युज्यमानो वैश्वदेवो युक्तः प्रजापतिर्विमुक्तः

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