
साहस और समझदारी की मिसाल ‘शहीद भगतसिंह’
कमल-ए- बुजदिली है अपनी ही आँखों में पस्त होना,अगर थोड़ी सी जुर्रत हो तो क्या कुछ हो नहीं सकता,उभरने ही नहीं देती बेईमानिया दिल कि
कमल-ए- बुजदिली है अपनी ही आँखों में पस्त होना,अगर थोड़ी सी जुर्रत हो तो क्या कुछ हो नहीं सकता,उभरने ही नहीं देती बेईमानिया दिल कि
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः।।औरनारी! तुम केवल श्रद्धा होविश्वास-रजत-नग पगतल में।पीयूष-स्रोत-सी बहा करोजीवन के सुंदर समतल में।मनु की मनुस्मृति (तृतीय
रतन टाटा, भारतीय उद्योग जगत का वह नाम हैं, जो सादगी, दूरदर्शिता और समाजसेवा के लिए जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में टाटा समूह न
त्रिलोक नाथ पांडेय की सद्य: प्रकाशित कृति ‘महाब्राह्मण’ एक सामाजिक दस्तावेज है। यहाँ उपन्यास विधा में कथानक की शिल्पकारी की गई है। लेखक द्वारा उपन्यास
नवीन कहानी कला की समीक्षा प्रगतिवादी हिंदी आलोचना के एक समर्थ हस्ताक्षर के रूप में डॉ. नामवर सिंह का नाम लिया जाता है।
हमारे समय में 11वीं में बोर्ड की परीक्षा के बाद में ही कालेज दाखिला होता था । इसलिये नवीं में ही विज्ञान , वाणिज्य या
रोजाना दौड़-धूप करने के बाद तृप्ति को नये शहर में रहने का ठिकाना मिल पाया। अपने जिले के विद्यालय में नियुक्ति मिलने के बाद से
ज्ञान का दिया अज्ञान के अंधकार को दूर करने के लिए जरूरी है। ज्ञान की एक रोशनी अंधेरे और सुने पड़े हुए कई कोनो को
जीवन का सफर एक अद्भुत यात्रा है, जहां हर दिन, हर अनुभव, और हर चुनौती हमें कुछ नया सिखाती है। इस यात्रा में सबसे महत्वपूर्ण
अक्सर हम जीवन में बाहरी रोशनी और चकाचौंध की ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन असली प्रकाश उस अंतर्मन में छिपा होता है, जो हमें सच्चाई,