हिंदी साहित्य (वस्तुनिष्ठ)
भक्तिकाल लखनसेन और पद्मावती कथा को वीर कथा किसने कहा : दामोदर किस कृष्ण भक्त कवि ने प्रेम काव्य लिखा : नन्द दस ने रूपमंजरी
भक्तिकाल लखनसेन और पद्मावती कथा को वीर कथा किसने कहा : दामोदर किस कृष्ण भक्त कवि ने प्रेम काव्य लिखा : नन्द दस ने रूपमंजरी
आदिकाल हिंदी शब्द का भाषा के अर्थ में प्रथम प्रयोग किसने किया : सन 1424 ई. में शरफुद्दीन यज्दी ने अपनी पुस्तक जफरनामा में हिंदी
लम्बी, छोटी नाजुक उंगलियाँ समवेत गोलबन्द होती हैं हथेली पर जब -मुट्ठी बन जाती है उनकी नजाकत अचानक हो जाती है मुट्ठी की ताकत हथेली
काॅफीघरों-चायखानों बैठकों , भाषण-मंचों के वृत्त से उछाले,पटके जाते हुए सरकाये , चबाये जाते हुए रात-दिन नीमजान हो गये हैं शब्द पीत,पस्त, खिन्न! शिद्दत से
बाहर है सब भरा – भरा / अन्तर्घट रीता का रीता ! कितना निष्फल,कितना दारुणजो समय अभी तक बीता ! सारे रिश्ते ज्यों लाल मिर्चलाली
पहन कर चोंगा/ सफेद रोंयेदार सूरज के खिलाफ / निकल पड़ा है अंधकार! कोहरे में गुम हो गयी हैं गलियाँ, राहें बन्द है बच्चों की
पिछले हैं जख्म हरे ,दहशत का साया है विज्ञापन पर सवार नया साल आया है ! थिरक रहे साहब जी,हल्कू हलकान बहुत नगरों में नाच-गान,
कलियों की कनखियाँ, फूलों के हास क्यारियों के दामन में भर गया सुवास बागों में लो फिर वसन्त आ गया ! मलयानिल अंग- अंग सहलाता
धूप में वापिस तपिश आने लगी फिर हवाओं में घुली ख़ुशबू ! पतझरी मनहूसियत के दिन गये हर नयन में उग रहे सपने नये ठूँठ
तुम्हारी याद जैसे घने जंगल में भटके हुए प्यासे बटोही के कानों में बज उठे किसी निर्झर की आहट का जलतरंग! तुम्हारी याद, जैसे तंग