फन
हवा के शोर में संगीत सुनना छोड़ दूँ क्या ? जख्म है दिल में, तो जीना छोड़ दूँ क्या ? बेवफ़ाई तेरा फन , जो
हवा के शोर में संगीत सुनना छोड़ दूँ क्या ? जख्म है दिल में, तो जीना छोड़ दूँ क्या ? बेवफ़ाई तेरा फन , जो
किताब में फूल की सूखी पंखुड़ी मिली है। रास्ता मिलता रहा पर मंज़िले ,ना मिली है। तुम्हारे दरों दीवार को पहचानता हूं, तेरे चेहरे की
विरान हुआ जंगल , तब बरसात आई है।जनाजा बनगया जिस्म, तब दवा आई है।तपन में ढूंढता तुझको रहा बगीचे;बागों में-लगी जब आग मेरे घर,तब हवा