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गीत
शिव बम बम
प्रगटे शंकर अविनाशी फिर झूम उठी है काशी बोले जय जय कैलाशी साँसों की सरगम हर हर शिव बम बम, हर हर शिव बम बम
प्रगटे शंकर अविनाशी फिर झूम उठी है काशी बोले जय जय कैलाशी साँसों की सरगम हर हर शिव बम बम, हर हर शिव बम बम
शिवमय जीवनजीवन का अनमोल क्षण,शव नहीं शिव मय हो।मन से निकले प्यारा बोल,जिसमे सुंदर सा लय हो।मानवता सब में झलके,किसी से न कभी भय हो।विवेक