
गति जीवन की
जब जीवन नीरस सा प्रतीत हो,जब हर क्षण मुश्किलों का भवंर हो।जब अपना कहने को कोई नहीं,जब हर रिश्ता छले, जीवन कहर हो।उम्मीदों की आस
जब जीवन नीरस सा प्रतीत हो,जब हर क्षण मुश्किलों का भवंर हो।जब अपना कहने को कोई नहीं,जब हर रिश्ता छले, जीवन कहर हो।उम्मीदों की आस
अंधियारे में खोया हुआ मन बावरा,नाउम्मीदी से उम्मीद लगाए हुए।तूफान कोई उठने को आतुर सी है,जल रहा, लपटे लिपटने को है।प्रेम है, या शत्रु, पास
एक दिन आयेगाऔर हम सब चले जाएंगे। कहां जायेंगेपता नही । पर उस टाइम कोईरोने वाला नही होगा। पर कोने में पड़ी होंगीकुछ कविताएं। जो
मैएकइंसानआप जैसामेरे दिल मेंभी तो पलता हैअरमान आप सामहनती भी हू मैवफा दार भी हूँकाम के प्रतिमजदूरही हूँ मैसच्चाजी मैंएकजीवटश्रमजीवीअपने बूतेपोषित करताअपना परिवारतकलीफ से सहीपर
बहुत होता सुकूँ तब है कि ज़ब दिल दिल से मिलता हैअदब का हर नज़ारा तब तिरी महफ़िल से मिलता है तिरे पे मर मिटा
कर्म करने का अगरचे हौसला मिट जायेगाकामयाबी का तो समझो फ़लसफ़ा मिट जायेगा सोच से जब प्यार औ दिल से ख़ुदा मिट जायेगाइंसानियत हैवानित का
मुहब्बत आजमाना चाहता हैये दिल पक्का ठिकाना चाहता है किसी की झील सी आँखों में जा केमेरा दिल डूब जाना चाहता है गया हैं तोड़
जीवन पुष्पों की पंखुड़ी जैसी नहीं होती,यंत्रणा देने वाली कांटे, चुभती रहती है।मृत्यु की सेज में जो जाना भी चाहों,न जाने क्यों, ज़िंदगी और लंबी
महलों से आती आवाज़ें राजाओं के महल शांति के प्रतीक नहीं हैं खून के छींटों से निर्मित हैं कितने ही कर लगाये गयें होंगे आवाम
वो बचपन और माँ का प्यार, बाबुल का आँगन और वो दुलार। पापा से पैसे की ज़िद करना, माँ का हर बात पर समझाना। स्कूल