
गति जीवन की
जब जीवन नीरस सा प्रतीत हो,जब हर क्षण मुश्किलों का भवंर हो।जब अपना कहने को कोई नहीं,जब हर रिश्ता छले, जीवन कहर हो।उम्मीदों की आस
जब जीवन नीरस सा प्रतीत हो,जब हर क्षण मुश्किलों का भवंर हो।जब अपना कहने को कोई नहीं,जब हर रिश्ता छले, जीवन कहर हो।उम्मीदों की आस
अंधियारे में खोया हुआ मन बावरा,नाउम्मीदी से उम्मीद लगाए हुए।तूफान कोई उठने को आतुर सी है,जल रहा, लपटे लिपटने को है।प्रेम है, या शत्रु, पास
सब्र का अभी तक मेरे इम्तिहान जारी है, रात में चरागों का इंतजाम जारी है। रेत के महल में मेरी इक किताब रखी है, घुल
जो किस्सा अजनबी था जिन्दगी का, आजकल हमसफर है जिन्दगी का। कोई भी आदमी परिचित नहीं है, बड़ा तन्हा सफर है जिन्दगी का। जो अक्सर
हर खुशी ही रेत सी हरदम फिसल जाती है क्यूँहर घड़ी अब जिंदगी की ग़म में ढल जाती है क्यूँ थाम कर के हाथ जिसका
अभी तो शाम बाकी है जरा सूरज ये ढलने दोचले जाना कहाँ रोका है चंदा तो निकलने दो नहीं रोको नहीं मुझको मैं तो मस्ती
जीवन की यही रीत है, साथ निभाए वही मीत है।नैनों से नेह बरसे, दिल से दिल की यही प्रीत है।साथ निभाए वही मीत है जीवन
साज़े-दिल पर ग़ज़ल गुनगुना दीजिएशामे-ग़म का धुँधलका हटा दीजिए ग़म के सागर में डूबे न दिल का जहाँनाख़ुदा कश्ती साहिल पे ला दीजिए एक मुद्दत
अभी वो निकली है मयकदे से अभी बहकना है यार बाकीअभी कदम पड़ रहे सही है अभी फिसलना है यार बाकी अभी बहारों के साये
एक दिन आयेगाऔर हम सब चले जाएंगे। कहां जायेंगेपता नही । पर उस टाइम कोईरोने वाला नही होगा। पर कोने में पड़ी होंगीकुछ कविताएं। जो