
समीक्षा:- अँधेरे के खिलाफ़(काव्य संग्रह)
अँधेरे के खिलाफ़(काव्य संग्रह) कवि: राम पाल श्रीवास्तव ‘अनथक’ समदर्शी प्रकाशन गाजियाबाद द्वारा प्रकाशित समीक्षक:-अतुल्य खरे “खाबे हस्ती मिटे तो हमारी हस्ती हो , वरना
अँधेरे के खिलाफ़(काव्य संग्रह) कवि: राम पाल श्रीवास्तव ‘अनथक’ समदर्शी प्रकाशन गाजियाबाद द्वारा प्रकाशित समीक्षक:-अतुल्य खरे “खाबे हस्ती मिटे तो हमारी हस्ती हो , वरना
उपन्यास:- कॉफी विद कृष्ण लेखक : भरत गढ़वी FLYDREAMS पब्लिकेशन्स द्वारा प्रकाशित समीक्षक :- अतुल्य खरे युवा साहित्यकार भरत गढ़वी साहित्य के क्षेत्र में सद्य
उपन्यास : कोचिंग @कोटा लेखक : अरुण अर्णव खरे ए पी एन पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित समीक्षक- अतुल्य खरे विगत कुछ वर्षों में राजस्थान का कोटा
मां ! अर्पित है चरणों में, सादर नमन, वंदन !! मां तो सिर्फ मां होती है। उसकी बराबरी दुनिया की कोई चीज नहीं कर सकती
बिहार के लिए एक कहावत बेहद प्रचलित है- “एक बिहारी सौ पे भारी।” बौद्धिकता यहां के कण-कण में विद्यमान था। लेकिन अफसोस ऋषियों, मुनियों एवं
“भूलों नहीं अहमियत रिश्तों की कभी,ये वो नाज़ुक डोर हैं जों जुड़ती नहीं फिर से।” वर्तमान युग में रिश्ते-नातों की अहमियत कम होती जा रही
शिक्षक से हम शिक्षा प्राप्त करते हैं। शिक्षक वह व्यक्ति है जो हमें जीवन में उपयोग में आने वाली हर चीज़ें सिखाता है। इसमें किताबी
अठारह पुराण के सार के रूप में महर्षि व्यास ने लिखा है कि..अष्टादशपुराणानां सारं व्यासेन कीर्तितम् ।परोपकार: पुण्याय पापाय परपीडनम् ।।अर्थात दूसरों का उपकार करने
उत्तर प्रदेश भारत वर्ष का जनसंख्या दृष्टि से एक विशाल राज्य है। इसके पूर्वी छोर पर स्थित पांच मण्डल के सत्रह जिले पूर्वांचल के अंतर्गत
हमारे जीवन को सरल, सहज और सफल बनाने में शिक्षा और विद्या दोनों का काफी महत्व है, लेकिन दोनों में कुछ मौलिक अंतर या भेद