गुरुदेव को विनम्र श्रद्धांजलि
भरे सम्मान गरिमा से,हिर्दय गंगा सा पावन थानिराले जगत से, दिल में, परम प्रिय प्रेम पलता थासदा ओठो पे धर मुस्कान, हृदय को जीत लेते
भरे सम्मान गरिमा से,हिर्दय गंगा सा पावन थानिराले जगत से, दिल में, परम प्रिय प्रेम पलता थासदा ओठो पे धर मुस्कान, हृदय को जीत लेते
हमने तो उसे निहारा रात दिनजिंदगी में कभी जो मिल ना सकामिल गया था जिंदगी में जो मुझेपाके उसको कभी खुश हो ना सकाजिंदगी भर
प्यास जग की है बहुत कितना पियो बुझती नहींजो लगी है दिल में सबके आग वह बुझती नहींप्यास है जग को सुरा की मेघ से
चिंता मत कर असफलता की मत पछताओ जीवन मेंजीवित रहना व्यर्थ है जब संघर्ष न हो इस जीवन मेंजीवन है दो दिन का मेला हंस
ना हम होंगे ना तुम होगे नहीं कोई गिला होगासिमटती याद का ही बस यहां पर सिलसिला होगाचलो हंस कर बिता ले जिंदगी को जो
जिस दिन जिंदगी की शाम हो जाएगीसब रोते ही रहेंगे कहीं खुशी ना नजर आएगीलगेगा सूना सूना सा ए सारा जमानाबहार की रुत भी खिजा
देखा मैंने सागर को जब तेरे इन दो नैनो मेंभाव मेरा तो भावुक होकर डूब गया तेरे नैनो मेसागर में क्या गहराई होगी जितना तेरे
धन दौलत का अहंकार पथभ्रष्ट तुझे कर जाएगाखून पसीने की मेहनत जब लूट किसी का जाएगाखून पसीने की दौलत को हडप अगर तुम जाओगेछीन कमाई
सच को जब हमने समझा तब झूठा भी हमने समझादेख पराए धन को मैंने कभी नहीं अपना समझाजिसको जैसा देखा मैंने उसको मैंने वैसा समझादिमाग
याद करो वह मां का आंचल पलते थे जिस आंचल मेंजब जब संकट आ जाता था बच जाता था आंचल मेंबचपन में जीवन दिखता था